We learn about........ | ||
We have so far learned in this module... |
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The goal of this lesson is to learn ….. |
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We revisit the seven question forms (सप्त-ककाराः) in our संभाषण-वर्गः Videos. We also see the use of क्तवतु-प्रयोगः which we learned recently.
Conversation Practice - सम्भाषणाभ्यासः | |
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सप्त ककाराः प्रश्नाः | किम्, कुत्र, कति, कदा, कुतः, कथम्, किमर्थम् |
किम् | |
किं पठति? | रामः पुस्तकं पठति । गीता पुस्तकं पठति । |
किं पिबति? | लता जलं पिबति । |
तत् किं? | तत् कृष्णफलकम् अस्ति । |
कुत्र | |
दण्डदीपः कुत्र अस्ति? | दण्डदीपः अत्र अस्ति । |
लख्नौ/मथुरा कुत्र अस्ति? | लख्नौ/मथुरा उत्तरप्रदेशे अस्ति । |
लाल्-भाग् कुत्र अस्ति? | लाल्-भाग् बेङ्गलूरु नगरे अस्ति । |
अधिकारी कुत्र अस्ति? | अधिकारी कार्यालये अस्ति । |
जनः कुत्र अस्ति? | जनः गृहे अस्ति |
कति | |
अत्र कति बालकाः सन्ति? | अत्र नव बालकाः सन्ति । |
कति दण्डदीपाः सन्ति? | नव दण्डदीपाः सन्ति । |
मार्गे कति वाहनानि गच्छन्ति? | मार्गे नव वाहनानि गच्छन्ति । |
भवत्याः समीपे कति पुस्तकानि सन्ति? | मम समीपे दश पुस्तकानि सन्ति । |
कदा | |
सूर्योदयः कदा भवति? | सूर्योदयः प्रातः काले भवति । |
सूर्यास्तमः कदा भवति? | सूर्यास्तमः सायङ्काले भवति । |
रामलालः कदा कार्यालयं गच्छति? | रामलालः प्रातः काले कार्यालयं गच्छति । |
रसेश- कदा विद्यालयं गच्छति? | रसेश- दशवादने विद्यालयं गच्छति । |
सुधा कदा नृत्याभ्यासं करोति? | सुधा सायङ्काले नृत्याभ्यासं करोति । |
कुतः | |
मित्रं कुतः आगच्छति? | मित्रं विदेशतः आगच्छति । |
बन्धुः कुतः आगच्छति? | बन्धुः लख्नौतः आगच्छति । |
सखी कुतः आगच्छति? | सखी चेन्नैतः आगच्छति । |
गङ्गा कुतः प्रवहति? | गङ्गा हिमालयतः प्रवहति । |
प्रकाशः कुतः आगच्छति? | प्रकाशः दणडदीपतः आगच्छति । |
कथम् | |
आरोग्यता कथम् अस्ति? | आरोग्यता समीच्छीनम् अस्ति । |
स्वास्थ्यम् कथम् अस्ति? | स्वास्थ्यम् उत्तमम् अस्ति । |
किमर्थम् | |
अनिता किमर्थं विद्यालयं गच्छति? | अनिता पठनार्थं विद्यालयं गच्छति । |
राधाकृष्णः किमर्थं चिकित्सालयं गच्छति? | राधाकृष्णः औषदार्थं चिकित्सालयं गच्छति । |
रमा किमर्थं ग्रन्थालयं गच्छति? | रमा पठनार्थं ग्रन्थालयं गच्छति । |
सा किमर्थं नृत्यति? | सा आनन्दार्थं नृत्यति । |
गृहिणी किमर्थं पाकशालां गच्छति? | गृहिणी भोजनार्थं पाकशालां गच्छति । |
मञ्जुनाथः गृहं गतवान् । | भवन्तः एतेषाम् अर्थं सम्यक् ज्ञातवन्तः । |
गतवान्, आगतवान्, उपविष्टवान्, उपविष्टवति, पठितवान्, लिखितवान्, कृतवान्, पीतवती, लिखितवती । | |
अम्बिके! उत्तिष्ठतु । |
In the last lesson we learned the लङ् forms भू (भव) धातुः. We can use those forms to understand the common steps done on धातवः (Verb roots) to get the past tense forms. Maharshi Panini has distributed Dhatus in ten groups (धातु-गणाः). Conjugation for First, Fourth Sixth and Tenth Ganas mostly follow the common rules. We can hence apply these rules to many dhatus. We will be tabulating the लङ् forms of विशेष-क्रियापदानि later in this lesson. With a view to make the initial understanding easier, Atmanepadi forms are not included. We will be learning more on these in the next module.
Picture below explains the way ‘लङ् – प्रथमपुरुष-क्रियारूपाणि’ are formed.
Let us now tabulate the लङ् रूपाणि of some verbs we are familiar with.
लङि प्रथमपुरुष-रूपाणि | ||||
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धातुः (सिद्धः) | लटि (प्र.पु.ए) | एकवचने | द्विवचने | बहुवचने |
पठ् | पठति | अपठत् | अपठताम् | अपठन् |
खाद् | खादति | अखादत् | अखादताम् | अखादन् |
लिख् | लिखति | अलिखत् | अलिखताम् | अलिखन् |
नृत् (य) | नृत्यति | अनृत्यत् | अनृत्यताम् | अनृत्यन् |
चुर् (य) | चोरयति | अचोरयत् | अचोरयताम् | अचोरयन् |
First let us look at the Prakriya for getting ‘लङ्-मध्यमपुरुष-क्रियारूपाणि’.
Now comes the लङ्-क्रियारूपाणि of the same dhatus in second person.
लङि मध्यमपुरुष-रूपाणि | ||||
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धातुः (सिद्धः) | लटि (प्र.पु.ए) | एकवचने | द्विवचने | बहुवचने |
पठ् | पठति | अपठः | अपठ्तम् | अपठत |
खाद् | खादति | अखादः | अखादतम् | अखादत |
लिख् | लिखति | अलिखः | अलिखतम् | अलिखत |
नृत् (य) | नृत्यति | अनृत्यः | अनृत्यतम् | अनृत्यत |
चुर् (य) | चोरयति | अचोरयः | अचोरयतम् | अचोरयत |
Lastly, we learn the method of forming ‘लङ्-उत्तमपुरुष-क्रियारूपाणि’.
Here are ‘लङ्-उत्तमपुरुष-क्रियारूपाणि’ of the dhatus we have chosen.
लङि उत्तमपुरुष-रूपाणि | ||||
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धातुः (सिद्धः) | लटि (प्र.पु.ए) | एकवचने | द्विवचने | बहुवचने |
पठ् | पठति | अपठतम् | अपठाव | अपठाम |
खाद् | खादति | अखादम् | अखादाव | अखादाम |
लिख् | लिखति | अलिखम् | अलिखाव | अलिखाम |
नृत् (य) | नृत्यति | अनृत्यम् | अनृत्याव | अनृत्याम |
चुर् (य) | चोरयति | अचोरयम् | अचोरयाव | अचोरयाम |
We now combine all and give the Mould to be used in forming Past tense verb forms. Letter ‘अ’ is added to the front after removing the present tense endings. Appropriate past endings are then added.
लङि परस्मैपदप्रत्ययान्ताः – Past tense Endings | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | अ + ___ + त् | अ + ___ + ताम् | अ + ___ + अन् |
मध्यमपुरुषः | अ + ___ + ः | अ + ___ + तम् | अ + ___ + त |
उत्तमपुरुषः | अ + ___ + अम् | अ + ___ + आव | अ + ___ + आम |
Please check the following sentences showing लङ् forms of some verbs we are familiar with.
प्रथमपुरुषः | |
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एकवचने | पिता कार्यालयम् अगच्छत् । Dad went to Office. |
द्विवचने | बालकौ अधावताम् । Two boys ran. |
बहुवचने | नर्तक्यः अनृत्यन् । Dancers (Female) danced. |
मध्यमपुरुषः | |
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एकवचने | त्वं फलम् अखादः । You ate fruit. |
द्विवचने | युवाम् गीतम् अगायतम् । You two sang the song. |
बहुवचने | यूयं अक्रीडत । You all played. |
उत्तमपुरुषः | |
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एकवचने | अहं देवम् अनमम्। I bowed to God. |
द्विवचने | आवाम् गुरुम् अपृच्छाव । We two asked the Guru. |
बहुवचने | वयम् परीक्षाम् अलिखाम । We all wrote the test. |
We have tabulated the Dhatus that follow the General Conjugation Rules below. Please click the Dhatus to view their लङ्-रूपाणि.
We now tabulate the लङ् forms of some of the special Kriya Padani we learned in Lesson 7 of this module.
लङि ‘ज्ञा’ (To know) धातोः परस्मैपदरूपाणि | |||
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एकवचनम् | द्विनचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | अजानात् | अजानीताम् | अजानन् |
मध्यमपुरुषः | अजानाः | अजानीतम् | अजानीत |
उत्तमपुरुषः | अजानाम् | अजानीव | अजानीम |
लङि ‘क्री’ (To buy) धातोः परस्मैपदरूपाणि | |||
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एकवचनम् | द्विनचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | अक्रीणात् | अक्रीणीताम् | अक्रीणन् |
मध्यमपुरुषः | अक्रीणाः | अक्रीणीतम् | अक्रीणीत |
उत्तमपुरुषः | अक्रीणाम् | अक्रीणीव | अक्रीणीम |
लङि ‘कृ’ (To do) धातोः परस्मैपदरूपाणि | |||
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एकवचनम् | द्विनचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | अकरोत् | अकुरुताम् | अकुर्वन् |
मध्यमपुरुषः | अकरोः | अकुरुतम् | अकुरुत |
उत्तमपुरुषः | अकरवम् | अकुर्व | अकुर्म |
लङि ‘श्नु’ (To hear) धातोः परस्मैपदरूपाणि | |||
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एकवचनम् | द्विनचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | अशृणोत् | अशृणुताम् | अशृण्वन् |
मध्यमपुरुषः | अशृणोः | अशृणुतम् | अशृणुत |
उत्तमपुरुषः | अशृणवम् | अशृणुव , अशृण्व | अशृणुम , अशृण्म |
Please click the Dhatus with special forms given below to view their लङ्-रूपाणि.
Here are the example sentences containing लङ् forms of few विशेषक्रियापदानि.
प्रथमपुरुषः | |
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एकवचने | माता पाककार्यं अकरोत्। Mom did cooking. |
द्विवचने | बालिके गीतं अश्रुणुताम्। Two girls listened to music. |
बहुवचने | छात्राः पुस्तकानि अक्रीणन् । Students bought books. |
मध्यमपुरुषः | |
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एकवचने | त्वं उत्तरम् अजानाः । You knew the answer. |
द्विवचने | युवाम् गन्तुं अशक्नुतम्। You two were able to go. |
बहुवचने | यूयं नदीं अतरत। You all swam the river. |
उत्तमपुरुषः | |
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एकवचने | अहं धनम् अददाम्। I gave money. |
द्विवचने | आवाम् नाटकं अपश्याव । We two saw the play. |
बहुवचने | वयम् स्यूतम् अगृह्मीम । We all took the bags. |
We have learned that उपसर्गाः join the Dhatus in the front to add, alter or strengthen the meaning of the verb. Prefix ‘अ’ is added to the verb in the conjugation of लङ् forms is added between the उपसर्गः and धातुः. The table below explains the forming of लङ्ररूपाणि of उपसर्गसहित-धातवः.
लटि क्रियापदम् | लङि क्रियापदम् |
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आगच्छति | आ + अगच्छत् = आगच्छत् |
प्रतिवदति | प्रति + अवदत् = प्रत्यवदत् |
परिहरति | परि + अहरत् = पर्यहरत् |
अवगच्छति | अव + अगच्छत् = अवागच्छत् |
विलिखति | वि + अलिखत् = व्यलिखत् |
अनुकरोति | अनु + अकरोत् = अन्वकरोत् |
निराकरोति | निर् + आ + अकरोत् = निराकरोत् |
We think we can do some practice before we learn more on past tense formations. We recommend you to read the past tense forms, understand the pattern and try to memorize the forms. Initially these will appear a bit overwhelming. But once you get used to catching the patterns you would find the learning much easier.
We propose to include some Translation Practices in the अभ्यास-प्रश्नानि of this lesson.
इदानीम् अभ्यासं कुर्म ।
लिखति
प्रथमपुरुषः एकवचनम्
लङि - अलिखत्
वयं पत्रं ________ (लिख्)
वयं पत्रं अलिखाम ।
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We have so far learned....
अहं पठामि स्म ।
The above sentence indicates an action in past. You may be wondering why the present tense for ‘पठामि’ is used in the sentence. We learn about such forms which indicate habitual or continuous past actions in our next lesson….
Lesson 15: Habitual Action in the past - Use of स्म - 'स्म' प्रयोगः
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