We learn about........ | ||
The goal of this lesson is to learn ….. |
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Click the heading to view the video. The Sambashana Video chosen for this lesson demonstrates the use of two more Avyyas यत् and अपि. It also serves the purpose of revising अस्मि and स्मः which we learned in Lesson 4.
Conversation Practice - सम्भाषणाभ्यासः | ||
---|---|---|
यत् शब्दः | ||
एकाग्रतया पठतु इति माता उक्तवती। | → | माता उक्तवती यत् एकाग्रतया पठतु। |
द्वारं पिदधातु इति सिक्षकः उक्तवान्। | सिक्षकः उक्तवान् यत् द्वारं पिदधातु। | |
संस्कृतं वदन्तु इति अहं वदामि। | अहं वदामि यत् संस्कृतं वदन्तु। | |
दीपं ज्वालयतु इति सेवकः वदति। | सेवकः वदति यत् दीपं ज्वालयतु। | |
उष्णम् जलम् पिबतु इति वैद्यः वदति। | वैद्यः वदति यत् उष्णम् जलम् पिबतु। | |
सत्यं वद इति गुरुः शिष्यं वदति। | गुरुः शिष्यं वदति यत् सत्यं वद। |
अपि शब्दः | |
अहं चलनचित्रं पश्यामि। अभिषेकः अपि चलनचित्रं पश्यति। | युवकः दूरदर्शनम् पश्यति। अहम् अपि दूरदर्शनं पश्यामि। |
शिक्षकः विद्यालयं गच्छति। अहम् अपि विद्यालयं गच्छामि। |
Please look at the pictures below and read the sentences given.
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
---|---|---|
चित्रकारः कूर्चेन चित्रं रचयति। | ||
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
वृद्धः उपनेत्रेण पश्यति। | ||
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
बालकः द्विचक्रिकया गच्छति। | ||
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
महिला द्रोण्या जलम् आनयति। |
The highlighted words in the above sentences are Third Case Noun Forms. (तृतीया विभक्तिः). Third case forms (instrumental case) are mainly used in the following four situations.
These are not the only instances तृतीया विभक्तिः is used in sentences. We have chosen these four situations for the students at a primary level to get familiarized with तृतीया विभक्तिः. We come across तृतीया विभक्तिः very frequently in sentences and we will be learning more about the usages as we advance in our learning.
Third case noun forms (तृतीया विभक्तिः) similar to other noun forms, vary according to Antha (Ending Letter), Linga and Vachanam. Words in तृतीया विभक्तिः in the examples given earlier do give us a hint on the pattern. We now list the first three (प्रथमा, द्वितीया, तृतीया) and vocative case (सम्बोधन-प्रथमा) forms for the अजन्तशब्दाः we are familiar with. तृतीया विभक्तिः forms are highlighted in each table for you to pay attention to. You may click the table headings to view all eight Vibhakthi forms of the Shabdha.
अकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘रामः’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | रामः | रामौ | रामाः |
सं.प्रथमा | हे राम | हे रामौ | हे रामाः |
द्वितीया | रामम् | रामौ | रामान् |
तृतीया | रामेण | रामाभ्याम् | रामैः |
इकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘हरिः’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
सं.प्रथमा | हे हरे | हे हरी | हे हरयः |
द्वितीया | हरिम् | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
उकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘गुरुः’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | गुरुः | गुरौ | गुरवः |
सं.प्रथमा | हे गुरो | हे गुरौ | हे गुरवः |
द्वितीया | गुरुम् | गुरौ | गुरून् |
तृतीया | गुरुणा | गुरुभ्याम् | गुरुभिः |
ऋकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘दातृ’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | दाता | दातारौ | दातारः |
सं.प्रथमा | हे दातः | हे दातारौ | हे दातारः |
द्वितीया | दातारम् | दातारौ | दातॄन् |
तृतीया | दात्रा | दातृभ्याम् | दातृभिः |
ऋकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘पितृ’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | पिता | पितरौ | पितरः |
सं.प्रथमा | हे पितः | हे पितरौ | हे पितरः |
द्वितीया | पितरम् | पितरौ | पितॄन् |
तृतीया | पित्रा | पितृभ्याम् | पितृभिः |
आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘रमा’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | रमा | रमे | रमाः |
सं.प्रथमा | हे रमे | हे रमे | हे रमाः |
द्वितीया | रमाम् | रमे | रमाः |
तृतीया | रमया | रमाभ्याम् | रमाभिः |
इकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘मति’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | मतिः | मती | मतयः |
सं.प्रथमा | हे मते | हे मती | हे मतयः |
द्वितीया | मतिम् | मती | मतीः |
तृतीया | मत्या | मतिभ्याम् | मतिभिः |
ईकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘नदी’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | नदी | नद्यौ | नद्यः |
सं.प्रथमा | हे नदि | हे नद्यौ | हे नद्यः |
द्वितीया | नदीम् | नद्यौ | नदीः |
तृतीया | नद्या | नदीभ्याम् | नदीभिः |
उकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘धेनु’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | धेनुः | धेनू | धेनवः |
सं.प्रथमा | हे धेनो | हे धेनू | हे धेनवः |
द्वितीया | धेनुम् | धेनू | धेनूः |
तृतीया | धेन्वा | धेनुभ्याम् | धेनुभिः |
ऋकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘मातृ’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | माता | मातरौ | मातरम् |
सं.प्रथमा | हे मातः | हे मातरौ | हे मातरः |
द्वितीया | मातरम् | मातरौ | मातॄन् |
तृतीया | मात्रा | मातृभ्याम् | मातृभिः |
अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘फल’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | फलम् | फले | फलानि |
सं.प्रथमा | हे फल | हे फले | हे फलानि |
द्वितीया | फलम् | फले | फलानि |
तृतीया | फलेन | फलाभ्याम् | फलैः |
इकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘वारि’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | वारि | वारिणी | वारीणि |
सं.प्रथमा | हे वारे – हे वारि | हे वारिणी | हे वारीणि |
द्वितीया | वारि | वारिणी | वारीणि |
तृतीया | वारिणा | वारिभ्याम् | वारिभिः |
इकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘दधि’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | दधि | दधिनी | दधीनि |
सं.प्रथमा | हे दधे – हे दधि | हे दधिनी | हे दधीनि |
द्वितीया | दधि | दधिनी | दधीनि |
तृतीया | दध्ना | दधिभ्याम् | दधिभिः |
उकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘मधु’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
सं.प्रथमा | हे मधो – हे मधु | हे मधुनी | हे मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
Before we move on to learn the usage of Third case forms in sentences, let us learn the pronoun forms of the case.
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | एषः | एतौ | एते |
द्वितीया | एतम् - एनम् | एतौ | एतान् - एनान् |
तृतीया | एतेन - एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
दकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | एषा | एते | एताः |
द्वितीया | एताम् - एनाम् | एते | एताः - एनाः |
तृतीया | एतया - एनया | एताभ्याम् | एताभिः |
दकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | एतत्त् | एते | एतानि |
द्वितीया | एतत् - एनत् | एते | एतानि - एनानि |
तृतीया | एतेन - एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | सः | तौ | ते |
द्वितीया | तम् | तौ | तान् |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
दकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | सा | ते | ताः |
द्वितीया | ताम् | ते | ताः |
तृतीया | तया | ताभ्याम् | ताभिः |
दकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | तत् | ते | तानि |
द्वितीया | तत् | ते | तानि |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
मकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | कः | कौ | के |
द्वितीया | कम् | कौ | कान् |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
मकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | का | के | काः |
द्वितीया | काम् | के | काः |
तृतीया | कया | काभ्याम् | काभिः |
मकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | किम् | के | कानि |
द्वितीया | किम् | के | कानि |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘भवत्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | भवान् | भवन्तौ | भवन्तः |
द्वितीया | भवन्तम् | भवन्तौ | भवतः |
तृतीया | भवता | भवद्भ्याम् | भवद्भिः |
दकारान्तः ‘अस्मद्’ शब्दः त्रिषु लिङ्गेषु | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | अहम् | आवाम् | वयम् |
द्वितीया | माम् - मा | आवाम् - नौ | अस्मान् - नः |
तृतीया | मया | आवाभ्याम् | अस्माभिः |
दकारान्तः ‘युष्मद्’ शब्दः त्रिषु लिङ्गेषु | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | त्वम् | युवाम् | यूयम् |
द्वितीया | त्वाम् - त्वा | युवाम् - वाम् | युष्मान् - वः |
तृतीया | त्वया | युवाभ्याम् | युष्माभिः |
Let us now learn how तृतीया विभक्तिः is used to express instrumental case (करणम्). In the following sentences the words in तृतीया विभक्तिः indicate the instrument in an action.
तृतीया विभक्तिः represents the sense indicated by propositions ‘with’, ‘by’ or ‘by means of’ in English. तृतीया-विभक्ति-शब्दः in a sentence comes as answer to the question ‘केन’, ‘कया’ or corresponding forms in other Vachanas.
तृतीया विभक्तिः - एकवचनम् | ||
---|---|---|
कृष्णः चमसेन खादति। Krishna eats with spoon. | कृष्णः केन खादति। कृष्णः चमसेन खादति। | चमसः अकारान्तः पुल्लिङ्गः |
सा चुरिकया शाकम् कर्तयति। She cuts the vegetable with knife. | सा कया शाकम् कर्तयति? सा चुरिकया शाकम् कर्तयति। | चुरिका आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
उद्यानपालः जलेन सस्यानि सिञ्चति। Gardener waters the plants | उद्यानपालः केन सस्यानि सिञ्चति? उद्यानपालः जलेन सस्यानि सिञ्चति। | जलम् अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः |
सेविका सम्मार्जन्या स्वच्छम् करोति। Maid cleans (sweeps) with the broom. | सेविका कया स्वच्छम् करोति? सेविका सम्मार्जन्या स्वच्छम् करोति। | सम्मार्जनी ईकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
तृतीया विभक्तिः - द्निवचनम् | ||
अहं हस्ताभ्याम् पात्रम् उद्धारयामि। I lift the vessel with hands (two). | अहं काभ्याम् पात्रम् उद्धारयामि? अहं हस्ताभ्याम् पात्रम् उद्धारयामि। | हस्तः अकारान्तः पुल्लिङ्गः |
तौ गदाभ्यां युद्धं कुरुतः। They two fight with mazes (two). | तौ काभ्याम् युद्धं कुरुतः? तौ गदाभ्यां युद्धं कुरुतः। | गदा आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
वयम् नेत्राभ्याम् पश्यामः। We see with eyes (two). | वयम् काभ्याम् पश्यामः? वयम् नेत्राभ्याम् पश्यामः। | नेत्रम् अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः |
तृतीया विभक्तिः - बहुवचनम् | ||
गजः पादैः चलति। Elephant walks with legs. | गजाः कैः चलति? गजाः पादैः चलति। | पादः अकारान्तः पुल्लिङ्गः |
युवत्यः पुष्पैः मालां रचयन्ति। Young maidens string garland with flowers. | युवत्यः कैः मालां रचयन्ति? युवत्यः पुष्पैः मालां रचयन्ति। | पुष्पम् अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः |
बालिकाः द्विचक्रिकाभिः विद्यालयं गच्छन्ति। Girls go to school by Bicycles. | बालिकाः काभिः विद्यालयं गच्छन्ति? बालिकाः द्विचक्रिकाभिः विद्यालयं गच्छन्ति। | द्विचक्रिका आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
When nouns follow the word ‘सह’ they assume तृतीया विभक्तिः. अव्ययशब्दः ‘सह’ has the sense 'with'. It is used when something is done by someone along with another person or persons. The following examples demonstrate the use of तृतीया विभक्तिः with ‘सह’.
पुत्रः जनन्या सह मन्दिरं गच्छति। | Son goes to temple with the mother. |
त्वम् आवाभ्याम् सह क्रीड। | You play with us (two). |
अहं मित्रैः सह तरामि। | I swim with my friends |
भवन्तः मया सह आगच्छन्तु। | You all please come with me. |
तत्र त्वया सह कः अस्ति। | Who is there with you? |
अध्यापिका छात्रैः सह पर्यटनं कृतवती। | Teacher (female) went on tour with students. |
शिष्याः गुरुणा सह वसन्ति। | Sishyas (pupils) stay with Guru. |
Words when followed by another अव्ययम् ‘विना’ also assume तृतीया विभक्तिः. ‘विना’ indicates the opposite of ‘सह’, that is without. Let us look at some example sentences which explains the use of ‘विना’.
मीनाः जलेन विना न जीवन्ति। | Fishes do not live without water. |
वृद्धः दण्डेन विना न चलति। | Old man does not walk without a stick. |
अन्नेन विना जनाः दुर्बलाः भवन्ति। | Without food, people become weak. |
रामः भरतशत्रुघ्नाभ्यां विना अरण्यम् गतवान्। | Rama went to forest without Bhratha and Shatrugna. |
पुत्रः पित्रा विना नगरं गतवान्। | Son went to the city without father. |
We end this lesson with one more use of तृतीया विभक्तिः. Third case noun forms are used to indicate the expression that comes with an action or an emotion behind it. The third case form tells how an action is done. We have example sentences to explain that.
वयम् आनन्देन क्रीडामः। | We play happily. |
ते कष्टेन जीवन्ति। | They live with difficulty. |
सः स्पष्टतया संस्कृतं वदति। | He speaks Samskritam clearly. |
छात्रः आलस्येन न पठतु। | May the student not study lazily. |
अश्वः वेगेन धावति। | Horse runs fast. |
Was there too much to learn in this lesson? At this early stage of learning, we essentially need to learn तृतीया विभक्तिः forms and must be able to catch them in sentences we read. This practice helps us to easily grasp the various senses which तृतीया विभक्तिः indicates. We now end this lesson with our usual practice exercises. अभ्यासं कृत्वा पाठं समापयाम।
सुधाखण्डः – अकारान्तः पुल्लिङ्गशब्दः
सुधाखण्डेन सुधाखण्डाभ्याम् सुधाखण्डैः
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We have so far learned....
We learned in this lesson that तृतीयाविभक्तिः is used to indicate instrument and generally in cases where propositions by or with is used. We have also learned earlier द्वितीयाविभक्तिः the indicates direct object in sentences. Let us look at the following sentence….
Teacher gives the book to the student.
In the above sentence book is taken as the direct object (कर्म) and the student is considered as indirect object. How do we handle an indirect object in Samskritam? The next Vibhakthi form in the row चतुर्थी represents the Dative case in संस्कृतवाक्यानि. We learn that in our next lesson…..
Lesson 20: Fourth Case Noun Forms in Sanskrit - चतुर्थी विभक्तिः
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