We learn about........ | ||
We have so far learned in this module……
The goal of this lesson is to learn …..
For Sambashanam purpose let us complete watching the Classroom Conversation - 3 Video whose first half we watched in previous lesson page. The video teaches few things which we learned in earlier lessons.
Please check the pictures carefully and read the sentences formed connecting the pictures.
कर्तृपदम् | कर्म | क्रियापदम् |
---|---|---|
छात्रः विद्यालयं गच्छति | ||
कर्तृपदम् | कर्म | क्रियापदम् |
बालकः गणेशम् अर्चति | ||
कर्तृपदम् | कर्म | क्रियापदम् |
चटका जलं पिबति | ||
कर्तृपदम् | कर्म | क्रियापदम् |
अध्यापकः घटीं पश्यति |
We can see the noun forms representing कर्म (Object) end differently in the sentences. They all assume Second case noun forms (द्वितीया विभक्तिः). These forms also vary as the Prathipadika Ending, Linga and Number. Let us first learn the द्वितीया विभक्तिः forms for the noun endings we have so far learned in all the three Lingas and for the three Vachanams.
The tables below shows the first and second case Vibhakti forms of the noun endings we have already learned in earlier lessons. We have also added few more Shabhdas. To view the complete table in all Vibhaktis you may click the headings.
अकरान्तः पुल्लिङ्गः ‘राम’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
रामः | रामौ | रामाः |
रामम् | रामौ | रामान् |
इकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘हरि’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
हरिः | हरौ | हरयः |
हरिम् | हरौ | हरीन् |
आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘रमा’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
रमा | रमे | रमाः |
रमाम् | रमे | रमाः |
इकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘मति’ शब्दः (Intellect) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
मतिः | मती | मतयः |
मतिम् | मती | मतीः |
ईकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘नदी’ शब्दः (River) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
नदी | नद्यौ | नद्यः |
नदीम् | नद्यौ | नदीः |
अकरान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘फल’ शब्दः (Fruit) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
फलम् | फले | फलानि |
फलम् | फले | फलानि |
इकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘वारि’ शब्दः (Water) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
वारि | वारिणी | वारीणि |
वारि | वारिणी | वारीणि |
We need to know few more Shabdha forms which we will be using in this lesson and immediate lessons to follow.
उकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘गुरु’ शब्दः (Guru) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
गुरुः | गुरू | गुरवः |
गुरुम् | गुरू | गुरून् |
ऋकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘पितृ’ शब्दः (Father) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
पिता | पितरौ | पितरः |
पितरम् | पितरौ | पितॄन् |
उकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘धेनु’ शब्दः (Cow) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
धेनुः | धेनू | धेनवः |
धेनुम् | धेनू | धेनूः |
ऋकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘मातृ’ शब्दः (Mother) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
माता | मातरौ | मातरः |
मातरम् | मातरौ | मातॄः |
इकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘दधि’ शब्दः (Curd) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
दधि | दधिनी | दधीनि |
दधि | दधिनी | दधीनि |
उकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘मधु’ शब्दः (Honey) | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
मधु | मधुनी | मधूनि |
मधु | मधुनी | मधूनि |
Pronouns (सर्वनामशब्दाः) also assume Vibhakthi forms. We also list the first two Vibhakthi forms for the pronouns we have so far learned.
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
एषः | एतौ | एते |
एतम् - एनम् | एतौ | एतान् - एनान् |
दकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
एषा | एते | एताः |
एताम् - एनाम् | एते | एताः - एनाः |
दकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
एतत् | एते | एतानि |
एतत् - एनत् | एते | एतानि - एनानि |
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
सः | तौ | ते |
तम् | तौ | तान् |
दकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
सा | ते | ताः |
ताम् | ते | ताः |
दकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
तत् | ते | तानि |
तत् | ते | तानि |
मकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
कः | कौ | के |
कम् | कौ | कान् |
मकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
का | के | काः |
काम् | के | काः |
मकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
किम् | के | कानि |
किम् | के | कानि |
तकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘भवत्’ शब्दः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
भवान् | भवन्तौ | भवन्तः |
भवन्तम् | भवन्तौ | भवतः |
दकारान्तः ‘अस्मद्’ शब्दः त्रिषु लिङ्गेषु समानरूपः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
अहम् | आवाम् | वयम् |
माम् - मा | आवाम् - नौ | अस्मान् - नः |
दकारान्तः ‘युष्मद्’ शब्दः त्रिषु लिङ्गेषु समानरूपः | ||
---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
त्वम् | युवाम् | यूयम् |
त्वाम् - त्वा | युवाम् - वाम् | युष्मान् - वः |
अस्तु! We saw a long list of tables to learn द्वितीया विभक्तिः forms. We can surely catch the patterns which makes the learning easier. Do not worry, if you are unsure about some of these forms. We get it with practice as we become more familiar with Samskrit Sentences.
We now move onto learn the more important aspect of द्वितीया विभक्तिः. Where do we use द्वितीया विभक्तिः? Looking at the initial examples, we did get an idea, that द्वितीया विभक्तिः is used to represent कर्म/Object in a sentence. How do we recognize कर्म role in a sentence? By asking simple questions कुत्र, किम्, कम् and काम्.
द्वितीया विभक्तिः is used for nouns which come as answer to the question कुत्र? (Where/Where to).
उदाहरणम्
छात्रः गच्छति। → छात्रः कुत्र गच्छति? → छात्रः विद्यालयं गच्छति।
जनकः आगच्छति। → जनकः कुत्र आगच्छति? → जनकः गृहम् आगच्छति।
You may note the द्वितीया विभक्तिः forms are highlighted. Let us view more examples of this type.
भवान् देवालयं गच्छति। | तरुणौ क्रीडाङ्गनं गच्छतः। | ते कार्यालयं गच्छन्ति। |
त्वं वित्तकोषं गच्छसि। | युवाम् चिकित्सालयं गच्छथः। | यूयं ग्रन्तालयं गच्छथ। |
अहं आश्रमं गच्छामि। | आवाम् आपणं गच्छावः। | वयं उद्यानं गच्छामः। |
द्वितीया विभक्तिः in a sentence indicates कर्म (Object). We recognize कर्मपदम् in a sentence by asking questions कम्, कौ, कान्, काम्, के, काः, किम्, के and कानि. Let us first use the sentences given in the start of the lesson to understand this.
छात्रः गच्छति। → छात्रः कुत्र गच्छति? → छात्रः विद्यालयं गच्छति।
बालकः अर्चति। → बालकः कम् अर्चति? → बालकः गणेशम् अर्चति।
चटका पिबति। → चटका किम् पिबति? → चटका जलं पिबति।
अध्यापकः पश्यति → अध्यापकः कां पश्यति? → अध्यापकः घटिं पश्यति।
We now look at more examples of this type. Examples are given under in each Linga highlighting कर्मपदम् in the वाक्यम्. Click the कर्मपदानि to view all three द्वितीया विभक्तिः forms for similar endings. Questions which are used to identify the कर्मपदम् are also given.
पुल्लिङ्गे कर्मपदानि | ||
---|---|---|
महिला घटं नयति। (महिला कम् नयति?) | अध्यापकः छात्रौ पृच्छति। (अध्यापकः कौ पृच्छति?) | रमेशः तान् अभिनन्दते। (रमेशः कान् अभिनन्दते?) |
त्वं वृक्षं ईक्षसे। (त्वम् कम् ईक्षसे?) | युवां श्लोकं गायथः। (युवां कं गायथः?) | यूयं चाकलेहं खादथ। (यूयं कं खादथ?) |
अहं गुरुं वन्दे। (अहं कं वन्दे?) | आवां मुनीन् आह्वायावः। (आवां के आह्वयावः?) | वयं पाठाः पठामः। (वयं के पठामः?) |
स्त्रीलिङ्गे कर्मपदानि | ||
छात्रा कवितां लिखति। (छात्रा कां लिखति?) | रेखा सख्यौ पृच्छति। (रेखा के पृच्छति?) | बालिका लेखनीः क्रीणाति। (वालिका काः क्रीणाति?) |
त्वं वाटिकां सिञ्चयसि। (त्वम् कां सिञ्चयसि?) | युवां धेनू पालयथः। (युवां के पालयथः?) | यूयं पत्रिकाः क्रीणीथ। (यूयं काः क्रीणीथ?) |
अहं वार्तां शृणोमि। (अहं कां शृणोमि?) | आवां पुत्र्यौ आह्वायावः। (आवां के आह्वयावः?) | वयं श्रृतीः पठामः। (वयं काः पठामः?) |
नपुंसकलिङ्गे कर्मपदानि | ||
सुरेशः पायसं पिबति। (सुरेशः किं पिबति?) | भवन्तौ फले खादतः। (भवन्तौ के खादतः) | भवत्यः पुष्पाणि धरन्ति। (भवत्यः कानि धरन्ति?) |
त्वं पुस्तकं पठसि। (त्वम किम् पठसि?) | युवां क्षेत्रे कर्षथः। (युवां के कर्षथः) | यूयं मधूनि आनयथ। (यूयं कानि आनयथ?) |
अहं दधिं क्रीणामि। (अहं किं क्रीणामि?) | आवां विमाने पश्यावः। (आवां के पश्यावः?) | वयं पत्राणि गृह्णन्ति। (वयं कानि गृह्णन्ति?) |
We are now to some extent familiar with words assuming Noun forms (नामपदानि वा सुबन्तपदानि) and Verb forms (क्रियापदानि वा तिङन्तपदानि). In English we do have other word forms like, Conjunctions. Adverbs and Propositions. A word of similar type in Samskrit is called अव्ययं or अव्ययपदम्. अव्ययं means indeclinable, and these words remain in the same form everywhere. That is these words do not change on account of Linga, Vachana or Purusha Bedhas. We list few अव्ययानि with close English equivalents. We will be learning more अव्ययानि as we progress in our learning.
उदाहरणानि
च – and अपि - also अतः - Therefore पूर्वम् - Before परम् – After.
Do you remember the words like अत्र, तत्र, सर्वत्र, अन्यत्र which we came across in Classroom Conversation in Lesson 2 अस्ति, स्तः, सन्ति. They are all अव्ययपदानि which can replace a कर्मपदं in a sentence.
उदाहरणानि
In this lesson we focus on two अव्ययपदे परितः and उभयतः. The English equivalent of परितः is around and that of उभयतः is on either side. The nouns preceding these two assume द्वितीया विभक्तिः forms. Let us look at few examples to understand this. You may note the highlighted द्वितीया विभक्तिः forms in the sentences.
We can conclude this lesson learning one more special type of sentences where two objects (both direct) occur.
Consider the following sentences.
What do we observe in the above two sentences? The first sentence is a familiar one with one noun form in द्वितीया विभक्तिः or one कर्मपदम्. Second sentence has two noun forms in द्वितीया विभक्तिः or two objects (कर्मपदम्.). Few verb roots have the potential of taking two objects. They are called द्विकर्मकाः धातवः. (Dwikarmaka dhatus).
There are about 16 द्विकर्मकाः धातवः. We restrict our study to four dhatus which are widely used.
We have learned quite a lot on द्वितीया विभक्तिः and कर्मपदानि. इदानीम् अभ्यासाः करणीयाः. Let us now do practice exercises on what we have learned in this lesson.
शिव – अकारान्तः पुल्लिङ्गः शब्दः
शिवम् शिवौ शिवाः
शब्दार्थाः | |
---|---|
नामपदानि | क्रियापदानि |
देवालयः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Temple | अर्चति - परस्मैपदी लटि प्रथमपुरुषः एकवचनम् - Prays |
क्रीडाङ्गनम् - अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः एकवचनम् - Play ground | नयति - परस्मैपदी लटि प्रथमपुरुषः एकवचनम् - draws/brings |
वित्तकोषः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Bank | पृच्छति - परस्मैपदी लटि प्रथमपुरुषः एकवचनम् - Asks |
कार्यालयः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Office | अभिनन्दते - आत्मनेपदी लटि प्रथमपुरुषः एकवचनम् - Congratulates |
चिकित्सालयः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Clinic/Hospital | ईक्षते - आत्मनेपदी लटि प्रथमपुरुषः एकवचनम् - Sees/Looks at |
ग्रन्थालयः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Library | कर्षथः - परस्मैपदी लटि मध्यमपुरुषः द्विवचनम् - Cultivate/farm ( You two) |
आश्रमः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Ashram | आनयथः - परस्मैपदी लटि मध्यमपुरुषः द्विवचनम् - (You two) bring |
आपणः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Shop | क्रीणाति - परस्मैपदी लटि प्रथमपुरुषः एकवचनम् - Buys |
उद्यानम् - अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः एकवचनम् - Park | शृणोमि - परस्मैपदी लटि उत्तमपुरुषः एकवचनम् - (I) hear |
चाकलेहः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Chocolate | |
मुनयः - इकारान्तः पुल्लिङ्गः बहुवचनम् - Sages | |
रेल्यानम् - अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः एकवचनम् - Train | |
कुक्कुरौ - अकारान्तः पुल्लिङ्गः द्विवचनम् - Two Dogs | |
परिहारः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः एकवचनम् - Solution/Remedy | |
पदार्थाः - अकारान्तः पुल्लिङ्गः बहुवचनम् - Things/Substances |
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We have so far learned....
In this lesson we came across some unusual verb forms like क्रीणाति, क्रीणीथ, क्रीणामि, and शृणोमि. We are about to learn in detail about such verb forms in our next lesson on Special Sanskrit Verb Forms . Our Next Lesson…..
Lesson 7: Special Sanskrit Verb Forms -विशेषक्रियापदानि
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