நாம் கற்கப் போவது....... | ||
இப்பாடத்தில் கற்க இருப்பது.... |
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ஸம்பாக்ஷண வீடியோவைக் காண தலைப்பை Click செய்யவும்.இப்பாடத்திற்குறிய ஸம்பாஷண வீடியோ यत्, अपि என்ற மேலும் இரு அவ்யயங்களை விளக்குகிறது. பாடம் 4 இல் நாம் கற்ற अस्मि மற்றும் स्मः க்ரியா பதங்களின் பயிற்சியாக அமைகிறது.
Conversation Practice - सम्भाषणाभ्यासः | ||
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यत् शब्दः | ||
एकाग्रतया पठतु इति माता उक्तवती। | → | माता उक्तवती यत् एकाग्रतया पठतु। |
द्वारं पिदधातु इति सिक्षकः उक्तवान्। | सिक्षकः उक्तवान् यत् द्वारं पिदधातु। | |
संस्कृतं वदन्तु इति अहं वदामि। | अहं वदामि यत् संस्कृतं वदन्तु। | |
दीपं ज्वालयतु इति सेवकः वदति। | सेवकः वदति यत् दीपं ज्वालयतु। | |
उष्णम् जलम् पिबतु इति वैद्यः वदति। | वैद्यः वदति यत् उष्णम् जलम् पिबतु। | |
सत्यं वद इति गुरुः शिष्यं वदति। | गुरुः शिष्यं वदति यत् सत्यं वद। |
अपि शब्दः | |
अहं चलनचित्रं पश्यामि। अभिषेकः अपि चलनचित्रं पश्यति। | युवकः दूरदर्शनम् पश्यति। अहम् अपि दूरदर्शनं पश्यामि। |
शिक्षकः विद्यालयं गच्छति। अहम् अपि विद्यालयं गच्छामि। |
கீழேக் காணும் படங்களை கவனித்து வாக்கியங்களையும் படிக்கவும்.
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
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चित्रकारः कूर्चेन चित्रं रचयति। | ||
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
वृद्धः उपनेत्रेण पश्यति। | ||
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
बालकः द्विचक्रिकया गच्छति। | ||
कर्तृपदम् | उपकरणम् | क्रियापदम् |
महिला द्रोण्या जलम् आनयति। |
மேற்கண்ட வாக்கியங்களில் மஞ்சள் பின்னனியில் तृतीया विभक्तिः வடிவங்கள் எடுத்துக் காட்டப் பட்டுள்ளன. கருவி வேற்றுமையான तृतीया विभक्तिः பொதுவாக கீழ்க்காணும் நான்கு இடங்களில் பயன் படுத்தப்படுகிறது.
இவையல்லாமல் வேறு பல சந்தர்ப்பங்களிலும் तृतीया विभक्तिः வாக்கியங்களில் பயன்படுகிறது. வித்யார்த்திகள் தொடக்க நிலையில் तृतीया विभक्तिः வடிவங்களின் பயிற்சி நன்கு பெறும் வண்ணம் இந்நான்கு காரணங்களைக் காட்டியுள்ளோம் வாக்கியங்களில் तृतीया विभक्तिः அதிகமாக இடம் பெறுகின்றன. கல்வி தொடர தொடர இவ்விபக்தியின் பயன்பாடுகளை விவரமாக கற்க இருக்கிறீர்கள்.
மற்ற விபக்தி வடிவங்களைப் போலவே तृतीया विभक्तिः வடிவங்களும் अन्तः, लिङ्गः மற்றும் वचनम् ஒட்டி வேறுபடுகின்றன. முந்தைய உதாஹரணங்கள் तृतीया विभक्तिः வடிவங்களுக்கு நல்ல மாதிரிகளாக அமைகின்றன. இதுவரை நாம் கற்ற அஜந்த ஶப்தங்களின் (अजन्तशब्दाः) முதல் மூன்று (प्रथमा, द्वितीया, तृतीया) மற்றும் ஸம்போதனா (सम्बोधन-प्रथमा) விபக்தி வடிவங்களை கீழே அளித்துள்ளோம். உங்கள் கவனத்திற்காக तृतीया विभक्तिः வடிவங்கள் பின்னனியுடன் காட்டப்பட்டுள்ளன. ஒவ்வொரு ஸப்தத்தின் எட்டு வடிவங்களையும் காண தலைப்பை ‘Click’ செய்யவும்.
अकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘रामः’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | रामः | रामौ | रामाः |
सं.प्रथमा | हे राम | हे रामौ | हे रामाः |
द्वितीया | रामम् | रामौ | रामान् |
तृतीया | रामेण | रामाभ्याम् | रामैः |
इकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘हरिः’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
सं.प्रथमा | हे हरे | हे हरी | हे हरयः |
द्वितीया | हरिम् | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
उकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘गुरुः’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | गुरुः | गुरौ | गुरवः |
सं.प्रथमा | हे गुरो | हे गुरौ | हे गुरवः |
द्वितीया | गुरुम् | गुरौ | गुरून् |
तृतीया | गुरुणा | गुरुभ्याम् | गुरुभिः |
ऋकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘दातृ’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | दाता | दातारौ | दातारः |
सं.प्रथमा | हे दातः | हे दातारौ | हे दातारः |
द्वितीया | दातारम् | दातारौ | दातॄन् |
तृतीया | दात्रा | दातृभ्याम् | दातृभिः |
ऋकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘पितृ’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | पिता | पितरौ | पितरः |
सं.प्रथमा | हे पितः | हे पितरौ | हे पितरः |
द्वितीया | पितरम् | पितरौ | पितॄन् |
तृतीया | पित्रा | पितृभ्याम् | पितृभिः |
अकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘रमा’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | रमा | रमे | रमाः |
सं.प्रथमा | हे रमे | हे रमे | हे रमाः |
द्वितीया | रमाम् | रमे | रमाः |
तृतीया | रमया | रमाभ्याम् | रमाभिः |
इकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘मति’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | मतिः | मती | मतयः |
सं.प्रथमा | हे मते | हे मती | हे मतयः |
द्वितीया | मतिम् | मती | मतीः |
तृतीया | मत्या | मतिभ्याम् | मतिभिः |
ईकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘नदी’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | नदी | नद्यौ | नद्यः |
सं.प्रथमा | हे नदि | हे नद्यौ | हे नद्यः |
द्वितीया | नदीम् | नद्यौ | नदीः |
तृतीया | नद्या | नदीभ्याम् | नदीभिः |
उकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘धेनु’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | धेनुः | धेनू | धेनवः |
सं.प्रथमा | हे धेनो | हे धेनू | हे धेनवः |
द्वितीया | धेनुम् | धेनू | धेनूः |
तृतीया | धेन्वा | धेनुभ्याम् | धेनुभिः |
ऋकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘मातृ’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | माता | मातरौ | मातरम् |
सं.प्रथमा | हे मातः | हे मातरौ | हे मातरः |
द्वितीया | मातरम् | मातरौ | मातॄन् |
तृतीया | मात्रा | मातृभ्याम् | मातृभिः |
अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘फल’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | फलम् | फले | फलानि |
सं.प्रथमा | हे फल | हे फले | हे फलानि |
द्वितीया | फलम् | फले | फलानि |
तृतीया | फलेन | फलाभ्याम् | फलैः |
इकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘वारि’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | वारि | वारिणी | वारीणि |
सं.प्रथमा | हे वारे – हे वारि | हे वारिणी | हे वारीणि |
द्वितीया | वारि | वारिणी | वारीणि |
तृतीया | वारिणा | वारिभ्याम् | वारिभिः |
इकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘दधि’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | दधि | दधिनी | दधीनि |
सं.प्रथमा | हे दधे – हे दधि | हे दधिनी | हे दधीनि |
द्वितीया | दधि | दधिनी | दधीनि |
तृतीया | दध्ना | दधिभ्याम् | दधिभिः |
उकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘मधु’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
सं.प्रथमा | हे मधो – हे मधु | हे मधुनी | हे मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
வாக்கியங்களில் तृतीया विभक्तिः யின் பயன்பாட்டை கற்கும் முன் ஸர்வநாம ஶப்தங்களின் तृतीया வடிவங்களையும் அறிவோம்.
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | एषः | एतौ | एते |
द्वितीया | एतम् - एनम् | एतौ | एतान् - एनान् |
तृतीया | एतेन - एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
दकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | एषा | एते | एताः |
द्वितीया | एताम् - एनाम् | एते | एताः - एनाः |
तृतीया | एतया - एनया | एताभ्याम् | एताभिः |
दकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘एतद्’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | एतत्त् | एते | एतानि |
द्वितीया | एतत् - एनत् | एते | एतानि - एनानि |
तृतीया | एतेन - एनेन | एताभ्याम् | एतैः |
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | सः | तौ | ते |
द्वितीया | तम् | तौ | तान् |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
दकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | सा | ते | ताः |
द्वितीया | ताम् | ते | ताः |
तृतीया | तया | ताभ्याम् | ताभिः |
दकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘तद्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | तत् | ते | तानि |
द्वितीया | तत् | ते | तानि |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तैः |
मकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | कः | कौ | के |
द्वितीया | कम् | कौ | कान् |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
मकारान्तः स्त्रीलिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | का | के | काः |
द्वितीया | काम् | के | काः |
तृतीया | कया | काभ्याम् | काभिः |
मकारान्तः नपुंसकलिङ्गः ‘किम्’ शब्दः | |||
---|---|---|---|
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | किम् | के | कानि |
द्वितीया | किम् | के | कानि |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कैः |
दकारान्तः पुल्लिङ्गः ‘भवत्’ शब्दः | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | भवान् | भवन्तौ | भवन्तः |
द्वितीया | भवन्तम् | भवन्तौ | भवतः |
तृतीया | भवता | भवद्भ्याम् | भवद्भिः |
दकारान्तः ‘अस्मद्’ शब्दः त्रिषु लिङ्गेषु | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | अहम् | आवाम् | वयम् |
द्वितीया | माम् - मा | आवाम् - नौ | अस्मान् - नः |
तृतीया | मया | आवाभ्याम् | अस्माभिः |
दकारान्तः ‘युष्मद्’ शब्दः त्रिषु लिङ्गेषु | |||
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एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमा | त्वम् | युवाम् | यूयम् |
द्वितीया | त्वाम् - त्वा | युवाम् - वाम् | युष्मान् - वः |
तृतीया | त्वया | युवाभ्याम् | युष्माभिः |
தமிழில் ஆல், ஆன் ,ஒடு, ஓடு என்பவை மூன்றாம் வேற்றுமை உருபுகள் என்று நாம் அறிவோம். இவற்றைப் போலவே ஸம்ஸ்க்ருதத்தில் तृतीया विभक्तिः கருவிப் பொருளை உணர்த்த வாக்கியங்களில் பயன்படுத்தப்படுகிறது.
தமிழில் ஆல், ஆன் ,ஒடு, ஓடு உருபுகள் உணர்த்தும் பொருளை ஸம்ஸ்க்ருதத்தில் तृतीया विभक्तिः காட்டுகிறது. ‘केन’, ‘कया’ அல்லது ஒத்த வினாக்களுக்கு விடையாக வாக்கியத்தில் तृतीया-विभक्ति-शब्दः அமைகிறது.
இப்பொழுது உதாஹரண வாக்கியங்களை பாருங்கள். கீழ்க்காணும் வாக்கியங்களில் तृतीया विभक्तिः செயலின் கரணத்தைக் காட்டுகிறது.
तृतीया विभक्तिः - एकवचनम् | ||
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कृष्णः चमसेन खादति। க்ருஷ்ணன் கரண்டியால் உண்கிறான். | कृष्णः केन खादति। कृष्णः चमसेन खादति। | चमसः अकारान्तः पुल्लिङ्गः |
सा चुरिकया शाकम् कर्तयति। அவள் காயை கத்தியால் வெட்டுகிறாள். | सा कया शाकम् कर्तयति? सा चुरिकया शाकम् कर्तयति। | चुरिका आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
उद्यानपालः जलेन सस्यानि सिञ्चति। தோட்டக்காரர் நீரால் செடிகளை நனைக்கிறார். | उद्यानपालः केन सस्यानि सिञ्चति? उद्यानपालः जलेन सस्यानि सिञ्चति। | जलम् अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः |
सेविका सम्मार्जन्या स्वच्छम् करोति। பணிப்பெண் துடைப்பத்தால் சுத்தம் செய்கிறாள். | सेविका कया स्वच्छम् करोति? सेविका सम्मार्जन्या स्वच्छम् करोति। | सम्मार्जनी ईकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
तृतीया विभक्तिः - द्निवचनम् | ||
अहं हस्ताभ्याम् पात्रम् उद्धारयामि। நான் இரு கைகளால் பாத்திரத்தை எடுக்கிறேன். | अहं काभ्याम् पात्रम् उद्धारयामि? अहं हस्ताभ्याम् पात्रम् उद्धारयामि। | हस्तः अकारान्तः पुल्लिङ्गः |
तौ गदाभ्यां युद्धं कुरुतः। அவர் இருவரும் கதையால் யுத்தம் செய்கிறார்கள். | तौ काभ्याम् युद्धं कुरुतः? तौ गदाभ्यां युद्धं कुरुतः। | गदा आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
वयम् नेत्राभ्याम् पश्यामः। நாம் இரு கண்களால் காண்கிறோம். | वयम् काभ्याम् पश्यामः? वयम् नेत्राभ्याम् पश्यामः। | नेत्रम् अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः |
तृतीया विभक्तिः - बहुवचनम् | ||
गजः पादैः चलति। யானை கால்களால் நடக்கிறது. | गजाः कैः चलति? गजाः पादैः चलति। | पादः अकारान्तः पुल्लिङ्गः |
युवत्यः पुष्पैः मालां रचयन्ति। இளம் பெண்கள் பூக்களால் மாலை தொடுக்கிறார்கள். | युवत्यः कैः मालां रचयन्ति? युवत्यः पुष्पैः मालां रचयन्ति। | पुष्पम् अकारान्तः नपुंसकलिङ्गः |
बालिकाः द्विचक्रिकाभिः विद्यालयं गच्छन्ति। பெண் குழந்தைகள் சைக்கிளில் பள்ளி செல்கிறார்கள். | बालिकाः काभिः विद्यालयं गच्छन्ति? बालिकाः द्विचक्रिकाभिः विद्यालयं गच्छन्ति। | द्विचक्रिका आकारान्तः स्त्रीलिङ्गः |
வாக்கியங்களில் பெயர் சொற்கள் ‘सह’ பதத்துடன் வரும்கொழுது तृतीया विभक्तिः யை ஏற்கின்றன. அவ்யய ஶப்தமான ‘सह’ ‘உடன்’ என்ற பொருளைக் குறிக்கிறது. குறிப்பிட்ட செயல் கர்த்தாவால் வேறு ஒருவருடன் அல்லது சிலருடன் செய்யப்படும்போது ‘सह’ பயன்படுத்தப்படுகிறது. तृतीया विभक्तिः ரூபம் ‘सह’ உடன் இணைந்து வருவதை கீழ்க் காணும் உதாஹரணங்கள் விளக்குகின்றன.
पुत्रः जनन्या सह मन्दिरं गच्छति। | மகன் அன்னையுடன் ஆலயம் செல்கிறான். |
त्वम् आवाभ्याम् सह क्रीड। | நீ எங்கள் இருவருடன் விளையாடு. |
अहं मित्रैः सह तरामि। | நான் என் நண்பர்களுடன் நீந்துகிறேன். |
भवन्तः मया सह आगच्छन्तु। | நீங்கள் அனைவரும் என்னுடன் வாருங்கள். |
तत्र त्वया सह कः अस्ति। | அங்கே உன்னுடன் யார் இருக்கிறார்? |
अध्यापिका छात्रैः सह पर्यटनं कृतवती। | ஆசிரியை மாணவர்களுடன் யாத்திரை சென்றாள். |
शिष्याः गुरुणा सह वसन्ति। | சிஷ்யர்கள் குருவுடன் வசிக்கிறார்கள். |
பெயர்சொற்கள் ‘विना’ என்ற அவ்யயத்துடன் இணைந்து வரும்பொழுதும் तृतीया विभक्तिः யை ஏற்கின்றன. ‘विना’ ‘இல்லாமல்’ என்ற ‘सह’ ஶப்தத்தின் எதிர்மறைப் பொருளை உணர்த்துகிறது. ‘विना’ பயன்பாட்டினை உதாஹரணங்கள் விளக்குகின்றன
मीनाः जलेन विना न जीवन्ति। | நீரில்லாமல் மீன்கள் வாழ்வதில்லை. |
वृद्धः दण्डेन विना न चलति। | முதியவர் கைத்தடி இல்லாமல் நடக்க மாட்டார். |
अन्नेन विना जनाः दुर्बलाः भवन्ति। | உணவில்லாமல் மக்கள் வலிவிழந்தவர் ஆகின்றனர். |
रामः भरतशत्रुघ्नाभ्यां विना अरण्यम् गतवान्। | ராமன் பரத-சத்ருக்னர்கள் இல்லாமல் வனம் சென்றான். |
पुत्रः पित्रा विना नगरं गतवान्। | மகன் தந்தை இல்லாமல் நகரத்திற்கு சென்றான். |
மேலும் ஒரு तृतीया विभक्तिः பயன்பாட்டுடன் இப்பாடத்தை நிறைவு செய்கிறோம். செயலின் பின்னனியலுள்ள உணர்வுகளை तृतीया विभक्तिः வடிவங்கள் குறிக்கின்றன. செயல் எலையில் செய்யப்பட்டது என்பதை तृतीया विभक्तिः ரூபங்கள் உணர்த்துகின்றன. உதாஹரணங்களை கவனிக்கவும்.
वयम् आनन्देन क्रीडामः। | நாங்கள் ஆனந்தமாக விளையாடுகிறோம். |
ते कष्टेन जीवन्ति। | அவர்கள் கஷ்டபட்டு வாழ்கிறார்கள். |
सः स्पष्टतया संस्कृतं वदति। | அவர் ஸம்ஸ்க்ருதம் தெளிவாக பேசுகிறார். |
छात्रः आलस्येन न पठतु। | மாணவன் சோம்பேறித்தனமாக படிக்கலாகாது. |
अश्वः वेगेन धावति। | குதிரை வேகமாக ஓடுகிறது. |
இப்பாடம் சற்றே கடினமாக தோன்றுகிறதா? தற்பொழுது நீங்கள் முக்கியமாக செய்ய வேண்டியது तृतीया विभक्तिः வடிவங்களை கற்றலும் படிக்கும் வாக்கியங்களில் அவற்றை கண்டறிவதும் ஆகும். இவ்வகையில் நம்மால் तृतीया विभक्तिः உபயோகத்தை எளிதில் அறிந்துக் கொள்ள முடியும். வழக்கம் போல் பயிற்சியுடன் பாடத்தை முடிக்கிறோம். अभ्यासं कृत्वा पाठं समापयाम।
सुधाखण्डः – अकारान्तः पुल्लिङ्गशब्दः
सुधाखण्डेन सुधाखण्डाभ्याम् सुधाखण्डैः
இப்பாடத்தைப் பற்றிய உங்கள் அனுபவங்களையும் பரிந்துரைகளையும் எங்களுடன் பகிர்ந்துக் கொள்ளுங்கள். இலவசமாகப் பதிவுச் செய்து உங்கள் கருத்துக்களை Post செய்யவும். சந்தேகங்கள் தெளிவு பெற samskrit@samskritaveethy.com க்கு எழுதுங்கள்.
நாம் இதுவரை கற்றது.......
கருவியை உணர்த்தவும் ஆல், ஆன், ஒடு, ஓடு என்கின்ற உருபுகளுக்கு இணையாகவும் तृतीयाविभक्तिः பயன்படுகிறது என்று கண்டோம். முன்பொரு பாடத்தில் द्वितीयाविभक्तिः, கர்மத்தை உணர்த்துவதையும் கண்டோம். இந்த வாக்கியத்தை கவனியுங்கள்......
ஆசிரியர் மாணவனுக்கு புத்தகத்தை கொடுக்கிறார்.
மேற்கண்ட வாக்கியத்தில் புத்தகத்தை செயல்பாடு பொருளாகவும் (कर्म) மாணவனனை செயலின் பயனை பெறுபவராகவும் காண்கிறோம். நான்காம் வேற்றுமை ஸம்ஸ்க்ருதத்தில் எப்படி அமைகிறது? चतुर्थी विभक्तिः பற்றி அடுத்த பாடம் விளக்குகிறது. நமது அடுத்த பாடம்.........
பாடம் 20: ஸம்ஸ்க்ருத நாம பதங்கள் சதுர்த்தீ விபக்தி- चतुर्थी विभक्तिः
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